
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान अनुकरणीय सेवा के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले ग्रामीण डाक सेवकों की केंद्रीय संचार मंत्री के साथ बातचीत
डाक विभाग ने आज ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) के सराहनीय योगदान का जश्न मनाया और वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान उनकी असाधारण सेवा के लिए सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया। केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में प्रतिभागियों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। बैठक के दौरान डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य जीडीएस के प्रयासों को मान्यता देना और उन्हें केंद्रीय मंत्री से व्यक्तिगत रूप से संवाद करने का अवसर प्रदान करना था। देश भर के सभी 23 डाक सर्किलों से कुल 33 जीडीएस ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जो भारतीय डाक द्वारा सेवा प्रदान किए जाने वाले विविध और विशाल ग्रामीण परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की, जो ग्रामीण भारत में डाक नेटवर्क की रीढ़ हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभाग के लिए जीडीएस जमीनी स्तर पर काम करते हैं, इसलिए देश भर में डाक और वित्तीय सेवाओं की डिलीवरी में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि केवल जीडीएस ही है जिस पर गांव के सभी लोग पूरी तरह से भरोसा करते हैं और जीडीएस प्रत्येक परिवार के सदस्य को जानते हैं, साथ ही पूरे समुदाय के साथ गहरा संबंध बनाए रखते हैं। यह अनूठा संबंध जीडीएस को न केवल सेवा प्रदाता बनाता है, बल्कि ग्रामीण समुदाय का विश्वसनीय सदस्य भी बनाता है।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण डाक सेवकों ने अपने अनुभव और क्षेत्र से जुड़ी प्रेरक कहानियां साझा कीं। उन्हें डाक विभाग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में एक भावनात्मक तुलना की। उन्होंने कहा, "जिस तरह एक गांव का चौकीदार न केवल सुरक्षा का संरक्षक होता है, बल्कि हर घर के साथ एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव भी रखता है, उसी तरह एक जीडीएस भी हर उस घर के साथ एक हार्दिक रिश्ता बनाता है जिसकी वह सेवा करता है।" उनके बेजोड़ योगदान पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा, "मेरे ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से, 'डाक सेवा, जन सेवा' की भावना जागृत हो रही है।" उन्होंने उनके समर्पण की प्रशंसा की और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को अतुलनीय बताया।
प्रतिभागियों ने अपने जमीनी अनुभव साझा किए और सेवा वितरण तथा परिचालन दक्षता को और बेहतर बनाने के लिए बहुमूल्य सुझाव भी दिए। उनकी विचारों से अग्रिम मोर्चे को डाक कर्मियों के अनूठे दृष्टिकोण का पता चला और ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग की पहुंच के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला।
जीडीएस के साथ बातचीत और अनुभव को विस्तार से इस वेबलिंक पर देखा जा सकता है: